रुख से परदा हटाया तो तेरा सलाम आया,
हर महोब्बत के वाकिये में तेरा नाम आया,
डुब गये थे तेरी ही चाहत में हम इस कदर,
हरएक मयकदे में तेरी ही आंखोका जाम आया,
हम जीद लीये थे तुम्हे पाने की इस जन्ममें,
अभी रुठे ही थे वहीं महोब्बतका पैगाम आया,
शुक्रिया मेरे खुदा का तेरे दिल में जगह मीली,
ईबादत में तुजे मांगना मेरे कुछ तो काम आया,
अब रुक्सत तलक न छोडेगे साथ किया है वादा,
मुद्दतो मांगने के बाद मेरे नाम ये ईनाम आया ।
नीशीत जोशी 05.12.11
ગુરુવાર, 29 ડિસેમ્બર, 2011
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