![IMG_0274[1]](http://nishitjoshi.files.wordpress.com/2012/11/img_02741.jpg)
चाँद भी कभी चाँदनी के लिए छूपा होगा,
रात ढलने के इंतज़ार में कहीं रुका होगा,
रोशनी को बूजा के खुश हुआ होगा बहोत,
जुगनुओ के आने पर ही शायद रूठा होगा,
चाँदनी ने छिपाये होगे सितारे आसमाँ में,
चाँद को ढूढ़ते ढूढ़ते ही सितारा टुटा होगा,
गुलदस्ता बन कर सितारे चमक गए होगे,
चाँद ने अंधेरो में प्यार का जोश फूका होगा,
चाँद मुहब्बत करता है चाँदनी से बेहिसाब,
देखके प्यार दोनों का आसमाँ भी जूका होगा !
नीशीत जोशी 05.11.12
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો