શનિવાર, 24 ઑગસ્ટ, 2013
मुझ पर न नजर है न मेरे अश्क की कदर
मुझ पर न नजर है न मेरे अश्क की कदर ,
पहेले जैसी उन्हें मुहोब्बत भी रही किधर ,
अरमान भरा दिल लेकर पहोंचेथे उनके दर,
हुए है चकनाचूर, मुहोब्बत जिन्दा है मगर ,
सितमगर वो थे कभी पर अब कैसे हो गए,
दिल तोड़ने का उनपर भी कुछ तो हो असर ,
हुआ क्या है जो भूले मुहोब्बत का सलीका,
लगता है दिल तोड़ने का नया सिखा हुन्नर,
करती पूनम की रातको अमावस का अँधेरा,
ए खुदा, अब तू बता कटेगा कैसे यह सफर ?
नीशीत जोशी 23.08.13
યાદ આવ્યા'તા તમે
ભૂલી ગયા ખુદને, જ્યારે યાદ આવ્યા'તા તમે,
આખો થઇ લાલ, બની આંસુ વરસ્યા'તા તમે,
તડપતુ એ ઓશિકું, ભીંજાતું રહ્યું'તું આખી રાત,
યાદ કરી, એ દિવસોના સંગાથ બન્યા'તા તમે,
વર્ષો વીત્યા, અને હવે તો વીતી જશે આ ભવ,
ઉભા છીએ એ રાહ, જ્યાં અમને મુક્યા'તા તમે,
જાણીએ છીએ, પ્રેમ તો તમે કરો છો આજે પણ,
ત્યારેતો મજબૂરી નું નામ લઇ, ફાવ્યા'તા તમે,
આંખો તો તમારી પણ રંગ બદલતી રે'તી હશે,
કરીને યાદ એ પળ, પોતાના બનાવ્યા'તા તમે.
નીશીત જોશી 21.08.13
तुम सभी के आँख के तारे हो
तुम सभी के आँख के तारे हो,
तुम सभी के बहोत ही प्यारे हो,
दुलार उमट पड़ता है अपने आप,
तुम इस जहाँ में सब से न्यारे हो,
महफूज रखती है तुझे दामन में ,
तुम अपनी माँ के बहोत दुलारे हो,
आसमाँ छूने की तम्मना है शायद,
तुम माँ की उम्मीद के सहारे हो,
खुदा आकर खुद नेमत बक्सेगा,
तुम रब की अझान से भी प्यारे हो !
नीशीत जोशी 18.08.13
શનિવાર, 17 ઑગસ્ટ, 2013
ग़ज़ल वो मेरी होगी उसमे नाम तेरा होगा
ग़ज़ल वो मेरी होगी उसमे नाम तेरा होगा,
नवाझेगें मुझे, दिलो में मुकाम तेरा होगा,
हर महेफिल रोशन होगी तेरे ही फरहत से,
आशिको के हाथो में भरा जाम तेरा होगा,
बेझारी में उठे होगे कदम अन्जान राहो पे,
वहां से मह्फूझ निकालना,काम तेरा होगा,
समंदर सभालता है लहरों को वापस आने पे,
हश्र मेरा होगा वही और अंजाम तेरा होगा,
दाई आयें होगे मेरे नाम की फ़रियाद ले कर,
माफ़ी के हाथ मेरे होगे पर सलाम तेरा होगा !
नीशीत जोशी
महेंगाई का डर स्वतंत्रता को डराता है
कौन है जो अपने देश में आतंक फैलाता है,
नेताओ से मिलते, पडोशी मुल्क बताता है,
भ्रष्टाचार से लुप्त अब हर तरफ का माहोल,
जिसे देखो वोह रिस्वती रुपये बनाता है,
गरीब जनता रोज-ब-रोज गरीब हुए जाती,
सुबह होते नयी महेंगाई का डर सताता है,
आतंकवाद नहीं होता सिर्फ बम धमाको से,
मन में पनपता डर भी आतंक कहेलाता है,
लोगो को कह दिया मना लो स्वतंत्रता दिन,
पर महेंगाई का डर स्वतंत्रता को डराता है !
नीशीत जोशी 15.08.13
गर चाँद नहीं आसमाँ में तो फलक नहीं
न मानने की तेरे पास कोई वजह नहीं,
गर चाँद नहीं आसमाँ में तो फलक नहीं,
आयना को तोड़ पाश पाश कर लिया तूने,
अब खड़े हो सामने कहके की जलक नहीं,
तन्हाई ने ऐसा घेरा हे तेरे दिल को,मानो,
विरान हुआ जँगल जैसे कोई सजर नहीं,
उल्फत से बचाने की कोशिश करता हूँ मैं,
प्यार का नाम सुनकर अब तू भड़क नहीं,
मन्जूर हो तो रह लो मेरे पागल दिल में,
इस से बेहतर मेरे पास कोई जगह नहीं !
नीशीत जोशी 14.08.13
क्या हो जाता अगर वह मेरा हो जाता
मेरी अनकही कहानी भी पढ़ वो जाता !
मेरे खयालो में ही शायद वह खो जाता !!
सपने देखने की ख्वाइश बढ़ती, उसकी !
खुली रख कर आँखे रात वह सो जाता !!
याद कर के साथ लम्हे, भूलता उल्फ़ते !
तस्सवूर में मेरी एकबार डूबने तो जाता !!
समंदर अपना उफान भी कम कर लेता !
मुहब्बत कर मझधार भी गर जो जाता !!
रकीब की बाहें क्यों रास आने लगी उसे !
क्या हो जाता अगर वह मेरा हो जाता !!
नीशीत जोशी 13.08.13
आंसू की जुबानी
" आंसू की जुबानी "
मैं दुःख में तो बहता हूँ,
मैं ख़ुशी में भी आता हूँ,
लोग चाहे कुछ भी बोले,
मैं दिल के हाल जताता हूँ,
आँखे हो खुली या हो बंध,
मैं खुदका रास्ता बनाता हूँ,
मुहब्बत में दर्द बनकर बहूँ,
ख़ुशी में ख़ुशीया बताता हूँ,
आँखों के मोती सा हूँ आंसू,
मैं सबकी आँखों में रहता हूँ !!!!
नीशीत जोशी 12.08.13
दीदार के बाद अकेली तू कैसे जी पायेगी??
दीदार की ख्वाइश पूरी अगर हो जायेगी,
बार बार तू दीदार की इजाझत चाहेगी,
यकीन है मुझे, वो पर्दा रूख से हटते ही,
मेरी नयन कटार से खुद बच ना पायेगी,
नयन से जो नयन टकरा जायेगे एकबार,
उस पल से तेरी रूह को मेरी रूह भायेगी,
मैं तो हूँ भवरा, प्रेम वस फ़ौरन हो जाऊं,
तू मेरी चाहत में खुद-ब-खुद फस जायेगी,
परदा है परदे मे ही रहेने देना मुजे, राधे,
दीदार के बाद अकेली तू कैसे जी पायेगी????
नीशीत जोशी 11.08.13
શનિવાર, 10 ઑગસ્ટ, 2013
એ ભુલાય છે
આંખોએ કેટલા આંસુ વહાવ્યા,એ ભુલાય છે,
રાતોએ કેટલા સ્વપ્ન બગાડ્યા,એ ભુલાય છે,
આપવાને કાજે, પ્રેમ ના સ્વરૂપે, તાજા ફૂલો,
બાગોએ કેટલા ફૂલો કરમાવ્યા,એ ભુલાય છે,
પોતાના કહ્યા બાદ પારકા પણ બનાવી લીધા,
કેટલો વખત પ્રેમ કરી રડાવ્યા,એ ભુલાય છે,
ફૂલોનો પથ કહી બિછાવેલા કંટક હરએક રાહે,
અંધારે કયા કયા પથે ચલાવ્યા,એ ભુલાય છે,
અગણ્ય ઘાવો પણ સહ્યા છે બિચારા આ દિલે,
કયા કયા ઘાવે મલ્હમ લગાવ્યા,એ ભુલાય છે.
નીશીત જોશી 09.08.13
तेरे सिवा कोई न करेगा आबाद मुझे !
तू गर चाहे तो कर देना नायाब मुझे ,
यूँ तो याद ने कर रखा है बरबाद मुझे,
तस्सली दे कर के सवाल बने हो तुम,
तेरी रुखसत ने दे दिया है जवाब मुझे,
मजनूँ की आखो में थी सिर्फ जैसे लैला,
करता है वैसे ही तेरा चहेरा शाद मुझे,
मैंने मुहब्बत की है सिर्फ उस चाँद से,
पर लोग क्यों दिखाते है आफताब मुझे,
किसे किसे सुनाए ये दिल की दास्ताँ,
तेरे सिवा कोई न करेगा आबाद मुझे !
नीशीत जोशी 08.08.13
रो रो के ये दिल भी शोर मचाता है
रातभर हमें कोई इतना सताता है,
अलग अन्दाज से प्यार जताता है,
छोटी छोटी बातो में रूठे अदा से,
मनाने पे ही वोह अपना बनाता है,
बर्फीले बदन पे थोडा हाथ जो रखे,
शोला भड़कने का डर से डराता है,
रश्क बातो से तेष दिलाता है हमें,
कुछ हम बोले तो आँसू बहाता है,
वोह आँसू बहाता है दरिया हो जैसे,
रो रो के ये दिल भी शोर मचाता है !
नीशीत जोशी 05.08.13
इन फिज़ा में पीने का मजा कुछ और है
इन फिज़ा में पीने का मजा कुछ और है,
याद में रात जगने का मजा कुछ और है,
मैयकशी का माहोल अब बनने दो दोस्तों,
आँखों के जाम पीने का मजा कुछ और है,
साकी ने कहा महेफिल में जी भरके पीयो,
उस इल्तजा पे डूबने का मजा कुछ और है,
तवाझो देखकर खोल न पाये दिल का राज,
दिल ही दिल में मरने का मजा कुछ और है,
घर से निकले थे मंदिर की तरफ, साकीया,
तेरे मयखाने में आने का मजा कुछ और है,
मैय हे लाल और याद रहा चहेरा भी लाल,
लाल से बेहाल होने का मजा कुछ और है ....
नीशीत जोशी 01.08.13
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