શનિવાર, 16 ઑગસ્ટ, 2014

कलम के पहले मेरे वो अश्क़ सरक पड़े

Pietro Rotari-Young Girl Writing a Love Letter,1755 ओस के बूंदो की जब जब चमक पड़े ! प्यार की जहन में तब तब कसक पड़े !! आसमाँ में जब छाये हो बर्षा के बादल ! बारिस के पहले तेरी अक्स ज़लक पड़े !! कागज़ पर कुछ लिखने बैठे जब हम ! कलम के पहले मेरे वो अश्क़ सरक पड़े !! काबू में ना रहा दिल तेरा नाम सुन के ! जज्बात तो दूर ये अल्फाज बहक पड़े !! दूर रहना तुझसे इतना तो मुहाल हुआ ! तसव्वुर में तुझे देख ये दिल धड़क पड़े !! नीशीत जोशी 12.08.14

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