શનિવાર, 9 ઑગસ્ટ, 2014

अब भी है

tumblr_m3dyrbWhiA1qe49wpo1_500 तेरी ग़ज़ल का, दिल में, सुरूर अब भी है, तेरी चाहत में,हुआ था मशहूर,अब भी है, याद आती है हमे, रह रह कर, सभी बातें, साथ बिताये, लम्हों का ग़ुरूर, अब भी है, चुप रह कर, जो करते थे, हम गुफ्तगू, हम, खामोश इश्क़ से, मसरूर अब भी है, जुबाँ खामोश हैं, मगर, आँखे अब बोलेगी, समंदर बहाने का,उसका फुतूर, अब भी है, तेरी तौक़ीर-ए-मुहब्बत, दिल में, अब भी है, तुम, अब भी हो मेरे, मुझे ये ग़ुरूर अब भी है !!!! नीशीत जोशी (फुतूर= weakness, मसरूर=happy, तौक़ीर= respect ) 02.08.14

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