શનિવાર, 1 મે, 2010

छोड दिया

कहते हो तुमने हमे छोड दिया,

पर कहां है हम जो तुमने छोड दिया,

न दिन ढलता है और न गुजरती है रात,

तुमने तो हमे यादो के सहारे छोड दिया,

सपने भी आना भुल गये भटकके रास्ता,

बदलते रहते है करवटे नीदने भी साथ छोड दिया,

करते होते है कुछ और हो जाता है कुछ और,

हर पल हमारे जो थे तुम्हारे, बेसहारा छोड दिया,

आओगे तुम मना लेंगे हम कभी ना कभी,

सोच यही बात जीन्दगीको आशाओ के भरोशे छोड दिया।

नीशीत जोशी

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