સોમવાર, 24 મે, 2010
शुक्रिया जताना उतना आसान नही है
शुक्रिया जताना उतना आसान नही है,
हम्हारा घाव अभी तलक भरा नही है,
कंधे पे सर था हटा दिया दे के घाव,
वजन कंधे से अभी भी कमा नही है,
लहराती जुल्फो की एक लट रह गई,
लट तो हटी मगर यादेजुनुन जाता नही है,
लग गया था दाग कुमकुम का कंधे पर,
वह दाग तो गया दिल पे लगा दाग जाता नही है,
कह दिया आसानी से शुक्रिया तुमने,
कहां से लाये वो नज्म दिल अब गाता नही है |
नीशीत जोशी
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