બુધવાર, 12 જાન્યુઆરી, 2011

अतृप्त मन

अतृप्त मन अपनो कि मीठी बातो से तृप्त हो जायेगा,
मेले मे ठहलाने खीलाने पीलाने से वो बहल जायेगा,
बीना प्रेम के दिलबरसे सुहानी मीठी बाते नही होती,
महोब्बत कर के तो देखो खुदका जीवन बदल जायेगा,
बीते कल को भुला दे आज जो है उसीका आनंद उठा,
हसते हसाने से मन का वो कोहरा भी मचल जायेगा,
हर रातके बाद होती है सुबह, रख भरोशा उन रब पर,
जो है उसीमे मौज करले, अतृप्त मनभी तृप्त हो जायेगा.....
नीशीत जोशी

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