ગુરુવાર, 17 માર્ચ, 2011

किसका ?


इन वादियो मे महक उठी है फुलोकी,
खुश्बु बता ही देंगे कौन बाग में आया है,

जागते हुए ही कट जाती है सारी रात,
चहेरा बता देगा सपना किसका आया है,

महेफिल रोनक हो जाती है चीरागो से,
शमा को रोशन करने कोई तो आया है,

डालके एक नजरमे चुरा लिया सबकुछ,
कोइ बेचारे दिल पे डाका डालने आया है,

छुप छुप कर खाते रहते है अनन्य घाव,
जख्म ही बतायेंगे तीर किसका आया है,

किया है करते रहेंगे कयामत तक प्यार,
ये प्यार पर अख्तीयार किसका आया है ?

नीशीत जोशी

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