રવિવાર, 26 એપ્રિલ, 2015

कोई शिकवा मलाल और है !!!!

दिखता चेहरा है हँसता हुआ, दिल के रोने का हाल और है, मेरे अंदर तलातुम बहुत, पर ज़ुबाँ पे सवाल और है, मेरा साया भी छोड़े है साथ, रास्ता अब मुहाल और है, इश्क़ के तेरे अंदाज़ से, मुझ को लगता है चाल और है, तुझ को अपना समझ कर ये दिल, ग़म सुना कर निहाल और है, तुझ को दिखता है खुश वह मगर, रहता अंदर निढाल और है, मुफलिसी से भी उस को नहीं, कोई शिकवा मलाल और है !!!! नीशीत जोशी 13.04.15

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો