રવિવાર, 12 એપ્રિલ, 2015
जिद न करना
आये हो अब जाने की जिद न करना,
रूठ जाएंगे मनाने की जिद न करना,
मुन्तझीर रहकर मुरझा गए फूल भी,
जाने की जल्दी समझाने की जिद न करना,
कुछ साँसे ले लो फिर करेंगे गुफ्तगू,
जमाने से डरजाने की जिद न करना,
पिये है बहुत ग़म अब तो मुश्कुराना है,
आँखों का सैलाब दिखाने की जिद न करना,
शुक्रिया जो पूरा किया आने का वादा तूने,
दिल को अब बहकाने की जिद न करना !!!!
नीशीत जोशी 29.03.15
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