इश्कका नया एक सबब देखा,
किस्सा कुछ एक अजब देखा,
रब है वो पालनहार भी है वो,
उन्हीको आज तो गजब देखा,
कायनात चले दम पर उसके,
हजारोलाखो नाम पडे उसके,
भ्रमांड घुमे जो नामसे उसके,
करोडो लोक पांवपे पडे उसके,
इश्कमें उसे बहोत अदब देखा,
मेरी राधारानीके शरण देखा,
इश्कका यह नया सबब देखा।
नीशीत जोशी
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