ગુરુવાર, 17 નવેમ્બર, 2011
आखरी सांस पे
दाग अगर लगे हो धोना पडता है,
प्यार करनेवालोको रोना पडता है,
हर गलीमें टहलना मुनासीब नही,
जहां छोडा वही खडा होना पडता है,
इज्जत चाहीये तो पहेले देना शीखे,
वरना कमाया नाम खोना पडता है,
बबुल के गाछ में आम नही फलते,
मीठे फलके बीजको बोना पडता है,
जीन्दगी की डगर हो चाहे बोझील,
खुश रहके जीवनको ढोना पडता है,
चाहे दौडलो जीवनभर तुम नीशीत,
आखरी सांस पे तो सोना पडता है ।
नीशीत जोशी 13.11.11
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