कौन कहता है की हम डर गये,
हम तुम्हारी खातीर ठहर गये,
तन्हाई जुदाई वो अपनी जगह,
हम तुम्हारी यादोमें बसर गये,
हवा चली तुफानो सी शहर मे,
अफवां फैलायी हम गुजर गये,
किसी कब्रके तो काम आये वो,
फुल रखे मानके हम मर गये,
न सोचा महोब्बत करोगे ऐसे,
बीना सीकन के प्यार कर गये ।
नीशीत जोशी 12.11.11
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