इतने हुए करीब मगर दूर हो गये,
यादोमें रहके तेरी हम चूर हो गये,
थे राहके भटकते हुए पथ्थर हम,
टकराके तुजसे हम मशहूर हो गये,
जमानाने सुनाये बेवफाईके किस्से,
प्यारमें तेरे हम तो मजबूर हो गये,
दिलके घावो को भी खरोचके देखा,
गहरे हूए मेरे वो घाव नासूर हो गये,
परवरदिगारने इम्तिहां लेकर देखा,
प्यारमें दुश्मनभी आंखके नूर हो गये,
मुफलीशी भी रास न आयी ज्यादा,
छू लिया जो तुने हम कोहीनूर हो गये ।
नीशीत जोशी 08.11.11
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