રવિવાર, 13 નવેમ્બર, 2011

"दोहा" के उपर की पहेली कोशीश

(1)ना उनकी कोई सुनीए, न कान धरीये बात,

जुठे उसुलोकी बात कहे, वो नेताकी है जात ।





(2)रखना है एक ही रखीये, प्यार करने का उसुल,

बांटते रहे प्यार जो , जिन्दगी हो जायेगी वसुल ।


नीशीत जोशी

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