શનિવાર, 13 ઑક્ટોબર, 2012

तरीका

नायाब तरीका करने को जी मचलता है, फल मिलने पर वही जी फिर जलता है, आयना से सीख लो जीने का तरीका, जो जैसा है वैसा ही स्वीकार करता है, ना अपनाओ कोई बेहूदगी का तरीका, बाद में जिन्दगी जीने को वो खलता है, ऐसे खुद के लिए सब अच्छा है तरीका, मगर किसी को शायद वोही अखरता है, परिवार की दुहाही दे, कर्म जो करते हो, किये कर्मो का फल परिवार कहाँ भरता है? नीशीत जोशी 25.09.12

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો