
नायाब तरीका करने को जी मचलता है,
फल मिलने पर वही जी फिर जलता है,
आयना से सीख लो जीने का तरीका,
जो जैसा है वैसा ही स्वीकार करता है,
ना अपनाओ कोई बेहूदगी का तरीका,
बाद में जिन्दगी जीने को वो खलता है,
ऐसे खुद के लिए सब अच्छा है तरीका,
मगर किसी को शायद वोही अखरता है,
परिवार की दुहाही दे, कर्म जो करते हो,
किये कर्मो का फल परिवार कहाँ भरता है?
नीशीत जोशी 25.09.12
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