શનિવાર, 13 જુલાઈ, 2013
सुन ऐ जमाने
सुन ऐ जमाने, तेरी दुआओ से, साथ हमारा छूट गया,
मौत ने दी दावत, हमारा कब्र तक का रास्ता खुल गया,
गुनाह किया था जो हमने, सजा मिलनी भी लाज़मी थी,
सिर्फ बचा था अब तलक पास मेरे, दिल हमारा टूट गया,
मुहब्बत की गिरफ्त में थे, जो अब तो अतीत बन चुका,
भूतकाल में किये वादों सहित, वो दुआओ से मैं लुट गया,
पामाल हो गये हर लम्हे, जो साथ बिताये थे कभी हमने,
दुआ का असर देखो, हमें याद रहा, वोह सब भूल गया,
हर हाइल को पार करने का, जज्बा रखा था इस दिलने,
पर, जहर मिला तो पी कर के, दिल ये हमारा झूम गया !!!!
नीशीत जोशी 08.07.13
हाइल = obstacle
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