શનિવાર, 20 જુલાઈ, 2013

मेरी हर सांस, तेरे नाम की चलती है

998011_10200379891444062_1359093745_n मेरी हर सांस, तेरे नाम की चलती है, मेरी जिन्दगी, तेरी यादो में कटती है, कोई हो ऐसी जगह, जहाँ पनाह ले ले, पर हर राह, तेरे घर की राह बनती है, ख्वाइशो को रोके तो कैसे, नहीं जानते, दिल में हरबार, नयी ख्वाइश सजती है, अंधेरो से अब मुझे,वैसा डर नहीं लगता, घरके अन्दर,जुगनुओ की लौ जलती है, नींद गर न आयी, सपने भी नहीं आयेंगे, रात भी सपने वास्ते, मस्सकत करती है ! नीशीत जोशी 14.07.13

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો