
जहाँ के हर फरिस्ते का राहदार हूँ मैं,
हर किसी के करमों का पहरेदार हूँ मैं,
जो कहूँगा, करना पड़ेगा हर किसी को,
वो अन्जानी राह पर भी राहदार हूँ मैं,
नफरतो से दूर तलक वास्ता नहीं मेरा,
प्रेमिओ के वास्ते प्रेम का बाझार हूँ मैं,
जहाँ के वास्ते हर कण में बॉस है मेरा,
वो जैसे चाहे वैसे ही रूप में दीदार हूँ मैं,
वो करते रहे पाप, हिसाब रखता हूँ मैं,
हर करमों का फल देने में दिलदार हूँ मैं !!!!!
नीशीत जोशी 02.07.13
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