શુક્રવાર, 26 જુલાઈ, 2013

दिलबर सा चहेरा दिलमें बसते जा रहा है

mermaid_by_Arshad_Art_Concept होले होले रूख से नकाब हटते जा रहा है, दिलबर सा चहेरा दिलमें बसते जा रहा है, इंतज़ार भी क्यों करे अब किसी और का, वो अहबाब खुद अब आहें भरते जा रहा है, हकीकत है हो गया प्यार पहेली नजर में, इसी वास्ते मुझ्तर प्यार करते जा रहा है, नहीं होती है आसान राह-ए-मुहब्बत की, आये हर तूफ़ान मुहिब्ब सहते जा रहा है, सच्चे आशिक डूबते नहीं गहरे समंदर में, केस अपनी लैला के लिये बहते जा रहा है !!!! नीशीत जोशी 21.07.13

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો