શનિવાર, 6 જુલાઈ, 2013
माँ की गोद
ऐसा कर्ज है जो उतारा नहीं जाता,
कोशिशो से वो जताया नहीं जाता,
खून सींच सींच कर इन्सान बनाये,
शब्दों में वो दर्द बताया नहीं जाता,
खुद भूखी रह के खाना दे बच्चो को,
उनके ममत्व को नकारा नहीं जाता,
छोटीसी चोट पे दिन रात एक कर दे,
प्यारसा हाथ उनसे हटाया नहीं जाता,
इश्वर भी तरसता है माँ की गोद पाने,
उनसे गोद सा स्वर्ग बनाया नहीं जाता |
नीशीत जोशी 30.06.13
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