रखा क्या है वो अँधेरे में,
सो जाना तुम अकेले में,
रोशन होगा वो आफताब,
गुम होयेगी रात सवेरे में,
भूल जाना ग़मगीन लम्हे,
खुश रहना तुम अकेले में,
प्यार में तो दिल टूटेगा ही,
न फसना तू इस जमले में,
देखोगे अदा ख़ुबाँ की ऐसी,
न आना तू उसके घेरे में !!!!
नीशीत जोशी 20.06.14
શનિવાર, 21 જૂન, 2014
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