
चलिए एक शजर लगाया जाय,
दुनिया को शब्ज बनाया जाय,
साथ मिलके उठायें थोडी जहमत,
देश का पर्यावरण दिखाया जाय,
हो खेत खलियान बाग बगिचे हरे,
बदलते मौसम से देश बचाया जाय,
काट के शजर कर दिया जंगल खत्म,
बोयें पौधा तादातमें,जंगल बनाया जाय,
साफ रखे नदीनाले न हो दुषीत हवा,
इसी बहाने पर्यावरण बचाया जाय !
नीशीत जोशी 5.6.15
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