ગુરુવાર, 4 જૂન, 2015
रखते हो क़दम, करके भरोषा
रखते हो क़दम, करके भरोषा दीन पर,
चलना संभल के, खुदा की जमीन पर,
दिखा हो ख्वाब, दर्द को किनार करके,
शुक्रगुजार होना, अपने मेहजबीन पर,
रक़ीब है,पत्थर तो रहेंगे ही हाथो में,
ऐतबार रखना, दोस्तों के अमीन पर,
हो जाना है क़त्ल, तो फिर डर कैसा,
रख देना दिल, सामने तीरे कमीन पर,
न होना मशहूर, करके चर्चा इश्क़ का,
लोग है,लगा देंगे दाग आस्तीन पर !!!!
नीशीत जोशी (दीन=श्रद्धा,कमीन = घात) 27.05.15
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