રવિવાર, 14 જૂન, 2015
जो रखता है एतमाद वही सब पाता है
PHOTO COURTESY BY RIDDHISHA RATNESWAR
न बारिश है न धूप,अकेला रास्ता है,
मौसम का मंज़िल से क्या नाता है
आसान हो जाती है कूच उन सबकी,
जिन्हे काँटों से बचके चलना आता है
खोल लेते है छाता खुदको छुपाने को
आमतौर पर नकाब ही सबको भाता है,
अकेले होते हुए भी मंझिल पा ही लेगा,
जो तूफाँ से लड़के आगे को बढ़ जाता है,
खुदा सबके साथ, हमेंशा ही तो होता है
जो रखता है एतमाद वही सब पाता है !!
नीशीत जोशी 11.06.15
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