
यह कैसा ऐतबार है तेरा ?
यह कैसा इकरार है तेरा ?
जवाब पे करते हो सवाल,
यह कैसा इजहार है तेरा ?
नबीसे भी नाराज होते हो,
किस पे दारोमदार है तेरा ?
जीन्दगी लिखली तेरे नाम,
दिल क्यों शर्मोशार है तेरा ?
जाना हसी के पीछे का राझ,
इश्क पे कहां अख्तीयार है तेरा ?
नीशीत जोशी 08.06.12
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