રવિવાર, 24 જૂન, 2012
मेरी गजल
गुनगुना के मेरी गजल सताया न करो,
रुख से यूंह अपना परदा हटाया न करो,
रकीब जान लेगा वो प्यार का हर शबब,
आंखो से अपनी यूंह आंसू बहाया न करो,
छूरीया चले या चल जाये दिल पर खंजर,
कमजोर बनके यूंह हौसला जताया न करो,
मुहिब्ब नही दे पायेगा सिवाय इल्जाम के,
महेफिल में दिल का चिराग जलाया न करो,
हर हसीन चहरे के पीछे छीपा होता है राज,
राज को राज रखके सरेआम बताया न करो,
सारे जहां की नजर से तो बच जाओगे मगर,
आयने में देख कर खुद नजर लगाया न करो ।
नीशीत जोशी 21.06.12
આના પર સબ્સ્ક્રાઇબ કરો:
પોસ્ટ ટિપ્પણીઓ (Atom)
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો