कब तक चूप रहोगे,
कभी तो कुछ कहोगे,
संसार का तानाबाना,
धुपछाव को भी सहोगे,
छोडो दो गर मोहमाया,
नीर्मल नदी सा बहोगे,
गुमान में न रहा करो,
गुस्सेसे खुद ही जलोगे,
जन्म लिया कुछ करलो,
फिर क्या होगा जब मरोगे ।
नीशीत जोशी 04.06.12
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