
मस्तो की दुनिया में आ के तो देख,
जरा खुदीको अपनी मीटा के तो देख,
भुल जाओगे ये माया जग की सभी,
जरा गीत खुद के भी गा के तो देख,
बैठा है दिल के अंदर सब का प्रेमी,
जरा सीरको अपने जुका के तो देख,
लहरे भी बन जायेगी फिर किनारा,
उन तूफां से जरा टकरा के तो देख,
खुलेगें खजाने फिर आनंद का यहां,
अपने में सब को रमा के तो देख ।
नीशीत जोशी 12.06.12
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