
तेरा तिरछी नजरो से निहारना मुझे याद है,
तेरा प्यार का परचम फहेराना मुझे याद है,
लाल-फाम से ओठो को शरमाते चबाना तेरा,
चुपचाप मेरे गालो पे बोशा लेना मुझे याद है,
पी के तेरी नयनो के जाम बेकाबू थे हम तो,
मेरे साथ साथ तेरा भी लहेराना मुझे याद है,
इक ही पुकार पे तेरा यूँ छत पे दौड़े आना,
गूफ्तगू करना, हसना हसाना मुझे याद है,
आज तुम कहाँ,मैं कहाँ,सिर्फ यादे रह गयी,
अर्षा हुआ पर वो गुजरा ज़माना मुझे याद है !!!!
नीशीत जोशी 20.10.13
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