રવિવાર, 24 ઑક્ટોબર, 2010

जरुरी नही

जरुरी नही तुमसे आज बात हो....
सारा जीवन तो संग ही बीताना है,

जरुरी नही हम रास्ता भुल जाये....
हर रास्ता तो तुम्हे ही बताना है,

जरुरी नही हम जलते रहे यहां.....
जला चिराग तो तुम्हे ही बुजाना है,

जरुरी नही हम रुठ जाये तुमसे....
रुठेको तुम्हे ही तो फुसलाना है,

जरुरी नही हम आये तेरे द्वार.....
तेरे द्वारपे तो तुम्हे ही बुलाना है ।

नीशीत जोशी

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