हुन्नर कुदरतका सीखाया नही जा सकता,
औकातसे ज्यादा दिखाया नही जा सकता,
कुछ कहा उसका उतना चिन्तन ना करना,
बसा वाकीया फिर भुलाया नही जा सकता,
फरेबो से भरी दुनीया हो, हो जुठ हर जुबा,
तब सच्चाका मोल लगाया नही जा सकता,
किसीके आने जाने से महेफिल नही रुकती,
वो रोशन चीराग युंही बुजाया नही जा सकता,
प्यार करनेवालो को याद किया जाता रहा है,
पदचिन्हो को राह से मीटाया नही जा सकता,
ना मांग अपनी औकातसे ज्यादा उस खुदासे,
पल ऐसे दे देगा जीसे बीताया नही जा सकता,
दिल दिया उसे संभाल के रख जब तलक बने,
हाथसे नीकलने के बाद बचाया नही जा सकता ।
नीशीत जोशी
શનિવાર, 7 જાન્યુઆરી, 2012
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