શુક્રવાર, 6 જાન્યુઆરી, 2012
घर मे ईन्सान रहते है
लोग कहते है घर मे ईन्सान रहते है,
मैने देखा ईन्सान नही सामान रहते है,
नुमाईशोकी चीजो से भर रखा है वो घर,
अतीथी के लिये दिलमें अपमान रहते है,
बातोमें नये नये सीरीयलके बस आलाप,
नये फिल्मी अवतारोका बहुमान रहते है,
नये खरीद् लाये वस्तुओ के दाम बताना,
महेंगाई जुठलाके खुदका सन्मान रहते है,
क्या यही है सब तरक्कीका दौर 'नीशीत'?
दिलो में ईन्सानीयत नही हैवान रहते है !!!!!
नीशीत जोशी 05.01.12
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