શનિવાર, 21 જાન્યુઆરી, 2012

क्यों है?


आज वोह सहमी सहमी क्यों है?
खुशनुमा हवा आज थमी क्यों है?

आने कि इल्तजा थी आ जायेंगे,
महेफिल में उनकी कमी क्यों है?

चोट खाने कि आदत हो चूकि है,
फिर आज आंखोमें नमी क्यों है?

न नीभानेवाला वादा भी कर गये,
फिर मुज पर नजर जमी क्यों है?

महोब्बतमें डुब गये हो पूरी तरहा,
फिर वो अन्जाम कि गमी क्यों है?

नीशीत जोशी

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