શનિવાર, 4 ફેબ્રુઆરી, 2012
दिया है हुश्न
दिया है हुश्न खुदाने उसकी हिफाजत कर,
रहे बरकरार अपना प्यार ये ईबादत कर,
राहदार बनके आयेगा हर मुश्कील राहमें,
करिश्मा जो दिखाये उसकी इनायत कर,
जो हो रहा है मानले हे ये करमो का फल
रहनूमा के सामने न उनकी शिकायत कर,
औकातसे ज्यादा दिया फिरभी जो कम हो,
गलती मान ले खुदकी न कभी बगावत कर,
चंद लोग जिन की फितरत है नफरत बोना,
उन सभी को महोब्बत बांटने की हिदायत कर ।
नीशीत जोशी
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