બુધવાર, 29 ફેબ્રુઆરી, 2012

मुलाकात


आज फिर उनसे मुलाकात हुयी,
फिर भी कोई न खास बात हुयी,

आरजू दिल में लिए बैठे रहे,
न कोइ बात की शुरुआत हुयी,

वो जो पूछे हमारे दिल की बात
वो बयां करने में मुश्किलात हुयी,

तेरे खामोश से लब कह गए कुछ
आँखों आँखों में सारी रात हुयी,

चादनी रात,साथ हम दोनों
प्यार के रंग में बरसात हुयी |
नीशीत जोशी

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