રવિવાર, 1 ડિસેમ્બર, 2013
वोह साथ था मेरे, पर मेरा न था
वोह साथ था मेरे, पर मेरा न था,
नातर्स का, मुनव्वर चेहरा न था,
मुसलसल सितम से नातवाँ हुए,
सितम कि रवायत पे, पहरा न था,
नफ़रतको तब्दील करते, प्यार में,
मशविरा सुनने, वोह ठहरा न था,
अबस बैठे थे, लगाकर वोह महेंदी,
अफ़सोस,माथे पे मेरे सेहरा न था,
हिज्र के दर्द को, नकारते रहे वोह,
उनके लिए, मेरा ज़ख़्म,गहरा न था !!!!
नीशीत जोशी
(नातर्स=दयाहीन,मुनव्वर=चमकदार,मुसलसल=निरन्तर,नातवाँ=कमजोर,रवायत=रस्मो-रिवाज़,अबस=बेकार,हिज्र = अलग होना)
આના પર સબ્સ્ક્રાઇબ કરો:
પોસ્ટ ટિપ્પણીઓ (Atom)
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો