રવિવાર, 1 ડિસેમ્બર, 2013

वोह साथ था मेरे, पर मेरा न था

pga182_lady_creating_mehndi_hand वोह साथ था मेरे, पर मेरा न था, नातर्स का, मुनव्वर चेहरा न था, मुसलसल सितम से नातवाँ हुए, सितम कि रवायत पे, पहरा न था, नफ़रतको तब्दील करते, प्यार में, मशविरा सुनने, वोह ठहरा न था, अबस बैठे थे, लगाकर वोह महेंदी, अफ़सोस,माथे पे मेरे सेहरा न था, हिज्र के दर्द को, नकारते रहे वोह, उनके लिए, मेरा ज़ख़्म,गहरा न था !!!! नीशीत जोशी (नातर्स=दयाहीन,मुनव्वर=चमकदार,मुसलसल=निरन्तर,नातवाँ=कमजोर,रवायत=रस्मो-रिवाज़,अबस=बेकार,हिज्र = अलग होना)

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