શનિવાર, 7 ડિસેમ્બર, 2013

हंगामा क्यूँ है बरपा

p_Lefeb_Fiancee हंगामा क्यूँ है बरपा,चाहत ही तो की है, प्यार कि पनाह में, कई ज़िन्दगी हमने जी है, राहें है वो मुश्किल,काटो में चलना होगा, फूलों को छोड़ फिर भी,वो राह हमने ली है, लहरे जो उठी है,तो मिल जायेंगी साहिल से, तूफाँ से भी हमने मुहब्बत निबाह की है, आँखों से बहे आँसू, जख्मो का वो तौफा है, निस्बत नहीं दर्द की उसे,वफ़ा ही जिसने की है, दौडती रह॓ती है नदियाँ,मीलन॓ को वो दरिया स॓, भूल क॓ अपन॓ वजूद को,समँदर की ज़िन्दगी जी है !!!! नीशीत जोशी 05.12.13

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