શનિવાર, 21 ડિસેમ્બર, 2013
तू चाहे तो
तू चाहे तो हसरत तेरी पूरी करले,
तू चाहे तो उम्रभर कि दूरी करले,
आना होगा मुड़कर वापिस पास मेरे,
तू चाहे कितनी भी दुश्वारी करले,
तेरे सिवा किसीकी नहीं चाहत मेरी,
ले के इम्तिहान तू मुराद पूरी करले,
मुन्तज़िर रहेंगे सभी चाहनेवाले तेरे,
तू चाहे तो महफ़िल से दूरी करले,
उफ़ भी नहीं कहेगा अब ये दिल मेरा,
तू चाहे अब मुराद-ए-हिज्र पूरी करले !!!!
नीशीत जोशी 14.12.13
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