શનિવાર, 22 ઑગસ્ટ, 2015

15 th August

15-august-1 जय हो ,जय हो यह भारत की आज़ादी, कितनो की शहादत से हमें मिली आज़ादी, नमन उन वीरो को,नमन उन शहीदो को, जिनके देशप्रेम से हमे मिल के रही आज़ादी !! आज़ादी के पर्व को मनाया है मनाते रहेंगे, क्या हम इस को ही आज स्वतंत्रता कहेंगे, भूखे पेट देश में आज भी लोग सो जाते है, ताउम्र क्या गरीब ही यहाँ अमीरो को सहेंगे !! निकलता है इंसान रोजीरोटी कमाने को, पता नहीं सठीक पहुंच पायेगा ठिकाने को, आतंकवाद,बलात्कार,भ्रष्टाचार है बेपाहाँ, क्या इस को कहेंगे आज़ादी जमाने को !! बेटीओ को माँ की कोख में मारा जाता है, पढ़ाई नहीं अन्य कामो में डाला जाता है, सुविधा नहीं सौचालय की विद्यामंदिर में, क्या इस को ही आज़ादी जाना जाता है !! जिसे रक्षक कहो वही भक्षक बना बैठा है, जिसे चुना नेता वह नाग तक्षक बना बैठा है, कुर्शी के वास्ते एक दूसरे को पछाड़ते रहे है, और देश की आज़ादी का रक्षक बना बैठा है !! लालबत्ती पर बच्चे मिल जाएंगे तिरंगा बेचते, दूसरे ही दिन मिलेगा तिरंगा बच्चो से खेलते, क्या यही सन्मान है देश के तिरंगे का कहिये, कितने दिन हम रहेंगे यही सब खामोश जेलते !! कदर करो वीर जवानो की देश के मरम की, कदर करो इस महान देश की हर धरम की, सही मायनो में तभी होगी हमारी आज़ादी, जिस दिन समझ आएगी अपने करम की !! यह देश महान था महान है और महान रहेगा, हमारा भारत देश रहेगा जब तक जहान रहेगा, दिल का दर्द लिखा है लिखते रहेंगे हम भी यहाँ, आज़ादी के पर्व का हरदम हम पे परवान रहेगा !! नीशीत जोशी 15.08.15

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