રવિવાર, 6 ફેબ્રુઆરી, 2011
प्यार
सीमा के दायरे मे नही रहता प्यार,
भाषाकी पाबंधी मे नही रहता प्यार,
प्यार तो इश्वरी वरदान है जहांमे,
हर किसीके नसीब नही रहता प्यार,
परवाने जलते है राज पानेके लिये,
शमा के आहोश मे नही रहता प्यार,
लहेरे आती है किनारे को मीलनेको,
किनारेकी रेतके ढेरोमे नही रहता प्यार,
देखनेका नजरिया नीराला है सबका,
मिला जीसे कहेंगे कहां नही रहता प्यार ।
नीशीत जोशी
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