રવિવાર, 27 ફેબ્રુઆરી, 2011

यादे के सहारे


वो यादे के सहारे जीया करते है,
रोते रोते भी मुश्कुराया करते है,

काटे न कटे वोह विरहन राते,
बिस्तरमे करवट पलटाया करते है,

सांस जीसके नामकी है चल रही,
हरपल सांसका नाम लिया करते है,

याद उन्हे करते हे जिसे भुला सके,
न भुलनेवालोको याद किया करते है,

आंखे तरस जाती है निहारने को,
हर जगह उनका दिदार किया करते है,

जन्म जन्मका साथ इस जन्म ना सही,
अगले जन्मका इन्तजार किया करते है ।

नीशीत जोशी

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