શનિવાર, 14 મે, 2011

कहां पाउंगा


तुज जैसा दिलवाला कहां पाउंगा,
तुज जैसा मतवाला कहां पाउंगा,

परदेमें भी रहकर करते हो प्यार,
तुज जैसा दिवाना कहां पाउंगा,

जान कुरबान कर दोगे कदमो में,
तुज जैसा परवाना कहां पाउंगा,

कमसीन नादान नही, हो बुलंद,
तुज जैसा होसलाना कहां पाउंगा,

पथ दिखाते हो भटके हुओ को,
तुज जैसा दोस्ताना कहां पाउंगा,

माहीर हो रोते को हसाने के लीये,
तुज जैसा मुश्कुराना कहां पाउंगा,

बसा लिया प्यारसे प्यारेसे घरमें,
तुज जैसा आसीयाना कहां पाउंगा,

रुठ जाने पे मनाते हो अपना बनाके,
तुज जैसा ऐसा प्याराना कहां पाउंगा ।

नीशीत जोशी 30.04.11

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