
રવિવાર, 26 ઑગસ્ટ, 2012
बड़ी गुस्ताख है तेरी यादे

कुछ और बात होती

इस दौर में

र्शीषक अभिव्यक्ति मेँ उनवान *** "जग/जगत/विश्व/दुनिया/संसार/जहान" पर मेरी कोशिश

कुछ लिखा नही है

તુજની યાદ

" ईद मुबारक "
आप सभी भाईओ को " रमदान " के आखरी दिन की मुबारकबाद
और साथ साथ सभी को " ईद मुबारक "
नबी से मिलने की कशिश सीने में है,
बंदगी की ख़ास मजा तो मदीने में है,
उनके आगोश से छूटने का न लू नाम,
फूलो सी वो खुश्बू उनके पसीने में है.......
नीशीत जोशी 19.08.12
રવિવાર, 19 ઑગસ્ટ, 2012
अखबार

मिल गया

प्यार

"शीर्षक अभिव्यक्ति" में उनवान ***चन्द्रमा/चन्द्र/चंदा/चाँद/महताब/माहताब/*** पर मेरी कोशिश..."

गझल तेरे नाम की

जी करता है

રવિવાર, 12 ઑગસ્ટ, 2012
वो समंदर ही क्या

સંભવ નથી

HAPPY JANMASTAMI

ॐ नमः शिवाय

बना जा रहा हु मैं

किसने कहा महेफिल न होगी अब रोशन

અભાવ થી બદલાતા સ્વભાવ

न जाने कितना गहेरा होगा

वोह न आये

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