મંગળવાર, 4 ઑગસ્ટ, 2009

मै वही हूं


इन्तजार करते थे मेरा, हां मै वही हूं,
रोज शाम दिलके दिये जलाता था, मै वही हूं,
पलको में छुपाया था मुजे, हां मै वही हुं,
दिलकी धडकन बन धडकता था, मै वही हूं,
आह भरते थे जिसके लीये, मै वही हूं,
अश्क बहाते थे जीसके लीये, मै वही हूं,
रुठ जाते थे आने से सामने, मै वही हूं,
मान भी जाते थे मनाने पे, मै वही हूं,
क्या फर्क पडा जो दिये गम 'निशित', मै वही हूं,
तुमने मुह फेर लीया मगर, मै वही हूं ।

'नीशीत जोशी'

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