મંગળવાર, 11 ઑગસ્ટ, 2009

आज वो हसते है

आज वो हसते है मेरी दास्तां सुन कर
हम रोते है उनकी दिल्लगी देख कर
रहेनुमा बना दिया जब आपको हमारा
ठुकरा रहे हो अब हमारी मजबुरी देख कर
डाल कंधे पे हाथ चले थे एक ही राह पर
आज मुह फेर लेते हो निशित सामने देख कर

'नीशीत जोशी'

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