मुश्करा दोगे तुम, गुनगुनानेको बोलेगा जब दिल तुमसे
दिलका आलम न कह पाओगे तुम अब किसीसे
इलाज वंही हो जायेगा, दर्द जो पाओगे किसीसे
हरदम आयेंगे याद , प्यार जो करते रहेगा तुमसे
मुश्करा दोगे तुम, गुनगुनानेको बोलेगा जब दिल तुमसे
लुटा के सब खुशीया खुश रहोगे तुम यहां
जगमे न रहेगे कोइ गम तुम जो हो यहां
बांटते फिरोगे सबको हसी, जो दिल लगायेगा तुमसे
मुश्करा दोगे तुम, गुनगुनानेको बोलेगा जब दिल तुमसे
नीशीत जोशी
સોમવાર, 17 ઑગસ્ટ, 2009
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