રવિવાર, 30 ઑગસ્ટ, 2009

खयाल आया

आप को देखा तो यह खयाल आया,
सोते सोते आपका हसीन ख्वाब आया,

काले काले नयन कजरारेने मारे तीर,
उस तीर लगने से दिल को सुकुन आया,

काले घने बाल देखा तो यह खयाल आया,
वोह आसमां के घने बादलो का खयाल आया,

आपके मदहोश गुलाबी गालो का क्या कहेना,
बागो की गुलाब की कली का खयाल आया,

आपके नसीले होठो से चड गया नशा,
इन्द्र की मदिराके प्याला का खयाल आया,

बनाया है आपको कुदरतने बडे ही फुरसत से,
इश्वर के लाजवाब करिश्मे का खयाल आया |

नीशीत जोशी

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