
जख्म खुरेच कर लहू नीकालते है
वही जख्म ताउम्र नासूर बनते है
कांटो के जख्म तो फिरभी भरते है
फुलोने दिये जख्म नासूर बनते है
धोका है बहार आनेका इन्तजार करते है
मौसमके धोके के जख्म नासूर बनते है
चौदवी का चांद कहने से क्या होता है
पुर्नीमाके चांदके जख्म नासूर बनते है
लहू से खत लीखने से न कोइ फायदा है
न पाये जवाबके जख्म नासूर बनते है

नीशीत जोशी
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